उत्तराखण्ड

भू-कानून अध्ययन व परीक्षण के लिए गठित समिति ने सीएम धामी को सौंपी रिपोर्ट

देहरादून: राज्य में भू – कानून के अध्ययन व परीक्षण के लिए गठित समिति ने आज मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। समिति ने प्रदेश हित में निवेश की संभावनाओं और भूमि के अनियंत्रित क्रय – विक्रय के बीच संतुलन स्थापित करते हुए अपनी 23 संस्तुतियां सरकार को दी हैं।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार शीघ्र ही समिति की रिपोर्ट का गहन अध्ययन कर व्यापक जनहित व प्रदेश हित में समिति की संस्तुतियों पर विचार करेगी और भू – कानून में संशोधन करेगी।

समिति ने अपनी संस्तुतियों में ऐसे बिंदुओं को सम्मिलित किया है, जिससे राज्य में विकास के लिए निवेश बढ़े और रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो। साथ ही भूमि का अनावश्यक दुरूपयोग रोकने की भी अनुशंसा की है।

समिति ने वर्तमान में प्रदेश में प्रचलित उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) यथा संशोधित और यथा प्रवृत्त में जन भावनाओं के अनुरूप हिमाचल प्रदेश की तरह कतिपय प्रावधानों की संस्तुति की है।

दरअसर, प्रदेश के दोनों मंडलों गढ़वाल और कुमाऊं में जिलों से प्राप्त रिपोर्ट में भू-कानून में उद्योगों, शिक्षण संस्थाओं समेत विभिन्न उद्देश्यों के लिए दी गई भूमि के दुरुपयोग की बात सामने आई थी। जिसके बाद उत्‍तराखंड में सख्‍त भू-कानून की मांग उठी।

भू-कानून के परीक्षण और अध्ययन को उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है। इस समिति ने भूमि के उपयोग की व्यवस्था को सख्त बनाने पर भी मंथन किया है। वर्ष 2003 के बाद प्रदेश में भू-उपयोग में दी गई छूट का सही उपयोग नहीं होने की जिलों की रिपोर्ट के बाद समिति का ध्यान इस बिंदु पर गया।

समिति ने हिमाचल की तर्ज पर भू-कानून के साथ नियमावली बनाने की आवश्यकता पर विचार किया। भू-कानून के प्रविधानों के बारे में नियमावली में विस्तार से जानकारी ली गई। भू-कानून के उपयोग को लेकर व्याख्या की गई।

इस दौरान समिति के अध्यक्ष व प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार, समिति के सदस्य व बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य अजेंद्र अजय, पूर्व आईएएस अधिकारीअरुण ढौंडियाल व डी.एस.गर्व्याल और समिति के पदेन सदस्य सचिव के रूप में हाल तक सचिव राजस्व का कार्यभार संभाल रहे दीपेंद्र कुमार चौधरी ने मुख्यमंत्री धामी से भेंट की।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button