उत्तराखण्ड

फार्मासिस्टों ने लंबित मांगों पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की चर्चा, सौंपा ज्ञापन

देहरादून: डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने शनिवार को देहरादून में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ त्रैमाशिक बैठक की| इस दौरान संगठन ने राज्य में फार्मासिस्टों की 9 लंबित मांगों के संबंध पर भी सीएमओ से चर्चा की| वहीं इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड (IPHS) को बिना फार्मासिस्टों को विश्वास में लिए लागू करने का विरोध करते हुए सीएमओ को ज्ञापन भी दिया गया |

बैठक में एसोसियेशन के जिला मंत्री सी.एम. राणा ने सीएमओ को बताया कि इंडियन पब्लिक हैल्थ स्टैंडर्ड (IPHS) मानक के अंतर्गत फार्मसिस्ट के पद कम हो रहे हैं, इमरजेंसी ड्यूटी में फार्मासिस्ट के पद नही रखे गए है। जबकि उत्तराखंड में फार्मासिस्ट के बिना इमरजेंसी सेवाएं सम्भव नही है, उन्होंने कहा फार्मासिस्टों की लगातार अपनी उच्च कोटि की सेवाओं के चलते उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने को अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड ( IPHS) फार्मासिस्टों को बिना विश्वास में लिए लागू करने का विरोध किया, वहीं इसको लेकर सीएमओ को ज्ञापन भी दिया।

इसके अलावा एसो. के जिला मंत्री ने संवर्ग के पद खत्म करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थिति केंद्र की चिकित्सा इकाई से भिन्न हैं| राजधानी जनपद होने के कारण फार्मासिस्टों की अधिकतर VIP ड्यूटी, चारधाम ड्यूटी, पोस्टमार्टम ड्यूटी, कुम्भ मेला ड्यूटी व कोविड से सम्बंधित कार्यों में लगातार लगती रहती हैं, एक ओर जनपद के कई चिकित्सालयों में फार्मासिस्टों के पद रिक्त चल रहे है, दूसरी तरफ सरकार ने सम्बद्धता समाप्त करने के आदेश जारी कर दिये हैं|

उन्होंने यह भी कहा कि संगठन मांग करता है कि चारधाम ड्यूटी के लिये TA.DA काअग्रिम भुगतान हो , CMSD से चिकित्सालयों तक दवाइयों को पहुंचाने के लिए सीएमओ आफिस से वाहन उपलब्ध हो, जिन सदस्यों की दुर्गम की सेवा 10 वर्ष से ज्यादा हो गयी है उनका वरीयता आधार पर सुगम में स्थानान्तरण किया जाय।

बैठक में जिला मंत्री के साथ संगठन मंत्री भगवन नोटियाल और संयुक्त मंत्री श्रीमती सुमेला भाटिया उपस्थित रहे।

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